सर्द मौसम है कहीं हलचल तो हो

सर्द मौसम है कहीं हलचल तो हो शाख़ पर पत्ता न हो कोंपल तो हो   उसकी आँखें मेरी आँखें हो गईं अब वो मेरी आँख से ओझल तो हो   छाँव मत हो छाँव का भ्रम ही सही हो किसी भी रंग का बादल तो हो   राह तुझको ख़ुद नज़र आ जाएगी तू … Continue reading सर्द मौसम है कहीं हलचल तो हो